फरीदाबाद:04 मई, मुश्किल घड़ी में मिशन जागृति लगातार मानवता की मिसाल पेश कर रही है इसी कड़ी में कल फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल से दो शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। मिशन जागृति के जिला अध्यक्ष विवेक गौतम ने बताया कि हमारे पास सेक्टर 11 से एक साथी पंकज और सूचित का फोन आया था जो कि हमेशा ही समाज सेवा में आगे रहते हैं।
मिशन जागृति के साथी तुरंत बीके हॉस्पिटल पहुंच गए और वहां पर पुलिस के साथ मिलकर दो शरीरों का अंतिम संस्कार जनता कॉलोनी स्थित श्मशान घाट में किया गया। उन्होंने बताया कि मौत के बाद कोई परिजन सामने नहीं आ रहे हैं जिस पर सामाजिक संस्थाओं की और जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इस पुनीत कार्य में मिशन जागृति के विपिन भारद्वाज गुरनाम सिंह राजेश भूटिया संजय पाल दिनेश राघव विकास कश्यप की विशेष भूमिका रहती है। विवेक गौतम ने बताया कि सभी स्वयंसेवक पूरी सुरक्षा के साथ प्रशासन के मापदंडों के अनुसार ही शरीर का अंतिम संस्कार करते हैं। उन्होंने बताया कि इस काम में जो पीपी किट हमें मिल रही है उसके लिए हम मुकेश भाटी और संतोष अरोड़ा का दिल से धन्यवाद करते हैं। मिशन जागृति के जिला अध्यक्ष विवेक गौतम ने बताया कि बहुत सारे पार्थिव शरीर ऐसे होते हैं जिनका कोई नहीं है या जिनके परिजनों ने अंतिम विदाई देने से भी इंकार कर दिया ऐसी लावारिस शवों का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार कर रही है । इस महामारी में लोगों ने अपनों से दूरी बना ली है इंसानियत मर रही है जरूरी नहीं है हर मौत करोना से ही हो लेकिन इस महामारी का भय इतना ज्यादा हो गया है कि अड़ोस पड़ोस के लोग भी किसी तरह का साथ नहीं दे रहे हैं। अंतिम संस्कार करने में जो भी खर्चा आता है मिशन जागृति के सारे साथी आपस में मिलकर वह खर्चा उठाते हैं हालांकि सारे स्वयंसेवक बहुत छोटी-छोटी नौकरी करते हैं जिसमें उनका खुद का घर पालना भी मुश्किल है। मिशन जागृति के वालंटियर चाहते हैं कि कोई औद्योगिक संगठन संस्था को एक एंबुलेंस दान में दे दे जिससे उनका काम और आसान हो जाएगा । समर्थ लोगों को ऐसी सामाजिक संस्थाओं को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त मिशन जागृति के व्हाट्सएप ग्रुप में भी लगातार ऑक्सीजन के लिए सिलेंडर के लिए हॉस्पिटल के लिए बेड के लिए कॉल आते रहते हैं संदेश आते रहते हैं जिसको पूरी टीम लगातार काम कर रही है । मिशन जागृति की टीम प्लाज्मा के लिए भी लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। यह सारा काम सिर्फ और सिर्फ स्वयं सेवकों के कारण हो रहा है उन्होंने कहा कि शायद उन्होंने पिछले जन्म में अच्छे कर्म कर रखे थे जो उनको इस जन्म में मिशन जागृति जैसी टीम मिली । उन्होंने और युवा साथियों से आग्रह किया है मिशन जागृति के साथ जुड़कर ज्यादा से ज्यादा सामाजिक काम करें और अपना अपने माता-पिता का नाम रोशन करें कोई भी काम गलत ना करें।
जब आंखों में अरमान लिया,
मंजिल को अपना मान लिया।
है मुश्किल क्या आसान क्या,
जब ठान लिया तो ठान लिया॥